रिपोर्टर : आरती वर्मा,
बाबा साहेब के विचारों को जन जन तक पंहुचाने और उनकी प्रतिमा व प्रवेश द्वार की अति शीघ्र स्थापना का लिया संकल्प
आज पछवादून के परगना जौनसार बाबर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया l इसी क्रम में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं दलित चिंतक एडवोकेट विजय के नेतृत्व में कालसी गेट में एक विचार गोष्ठी का आयोजन अंबेडकर वादियों द्वारा किया गया, जिसमें अनेक समाजसेवियों द्वारा आधुनिक भारत के निर्माण में बाबा साहब के योगदान की चर्चा की गई l
इस अवसर पर एडवोकेट विजय सूर्यांश ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर किसी जाति अथवा वर्ग विशेष के महापुरुष नहीं है परंतु एक साजिश के तहत उनको एक जाति विशेष तक सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा l
बाबा साहब एक सामानतावादी विचारक थे और उन्होंने जो कुछ भी किया उसका लाभ पूरे देश को प्राप्त हुआ देश के प्रत्येक वर्ग को प्रत्येक जाति धर्म को उसका लाभ प्राप्त हुआ l भारत के संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने देश को जो योगदान दिया उसी के क्रम में आज भारत एकजुट है और इस कारण भारत तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ा l विजय कुमार एडवोकेट ने कहा कि क्षेत्र में शीघ्र ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और उनके नाम से एक प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा और इसके लिए जो भी संभव होगा वह किया जाएगा l
ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरनमेंट के अध्यक्ष भास्कर चुग ने इस मौके पर कहा कि संविधान के निर्माण एवं देश में सामाजिक न्याय की स्थापना में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जो योगदान है उसको तो सभी जानते हैं परंतु आज महिलाओं को जो सामानता के अधिकार प्राप्त हैं, उसमें सबसे बड़ा योगदान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू का है
दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि महिलाओं को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उन्हें आज जो सम्मान एवं समानता के अधिकार प्राप्त हैं, वह अंबेडकर एवं नेहरू की देन है l हिन्दू कोड बिल लाकर महिलाओं को समान अधिकार देने का काम इन्हीं दोनों महापुरुषों ने किया और जो रूढ़िवादी लोग इन अधिकारों को महिलाओं को देने का उसे समय विरोध कर रहे थे उन्हीं के वैचारिक वंशजों के चंगुल में आज बहुत सारी महिलाएं फसी हुई हैं l भास्कर चुग ने कहा कि महिलाओं को इसी सच्चाई से अवगत कराने की आज आवश्यकता है एवं अंबेडकरवादियों तथा नेहरूवादियों को यह कार्य करना ही होगा l
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता गिरीश कुमार ने विचार गोष्ठी में अपना संबोधन करते हुए बताया कि किस प्रकार से उस दौर में बाबा साहब को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा और कैसे ऊंच नीच की व्यवस्था से संघर्ष करते हुए वह उसे मुकाम पर पहुंचे कि आज पूरे विश्व में उनकी विचारधारा को माना जाता है l उन्होंने कहा कि भारत में जहां बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन खर्च किया बाबा साहब की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचना अनिवार्य है l
विचार गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ दलित चिंतक एडवोकेट ध्वजवीर सिंह ने किया और कहा कि आज बाबा साहब के संविधान के सामने रूढ़िवादी और परंपरावादी जातिवादी धर्मवादी ताकतों ने एक बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न कर दिया है जिस संविधान की सुरक्षा करना हम सब का दायित्व है
विचार गोष्ठी में पूर्व प्रधान रेखा चौधरी, पूर्व सभासद रोशन लाल, तिलवाड़ी के प्रधान अरुण चौहान, शंभू खान, दिनेश भंडारी, प्रदीप सूर्यांश, रवि वर्मा, दीपक तोमर, कबीर खान, डंपी खान, जीवन सिंह सिकंदर खान, विजय नेगी, दिनेश भंडारी, अलतू खान, जबर सिंह, एडवोकेट मनोज, आदित्य, राजेंद्र सिंह, देव आनंद , संजय शर्मा, विनीत वर्मा, मदनलाल आदि ने भी विचार व्यक्त किया l