आईटीडीए द्वारा “साइबर अपराधों की नवीन प्रवृत्तियाँ” विषय पर कार्यशाला आयोजित – राज्य सरकार के अधिकारियों हेतु साइबर जागरूकता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
देहरादून: 11 जुलाई 2025,
स्थान: सीएसआई सभागार, देहरादून एवं ज़ूम प्लेटफ़ॉर्म
सूचना प्रौद्योगिकी विकास ऐजेंसी (ITDA), उत्तराखंड सरकार द्वारा साइबर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत “साइबर अपराधों की नवीन प्रवृत्तियाँ” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला दिनांक 11 जुलाई 2025 को आयोजित की गई।
यह कार्यशाला श्री नितेश झा, सचिव – सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तराखंड शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आयोजित की गई। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार के कार्यालयों में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने तथा अधिकारियों के बीच साइबर हाइजीन व जागरूकता बढ़ाने के लिए इस प्रकार की कार्यशालाओं का नियमित आयोजन अत्यंत आवश्यक है। इन्हीं दिशानिर्देशों की निरंतरता में इस कार्यशाला की योजना बनाई गई।
कार्यक्रम में 125 से अधिक अधिकारी भौतिक रूप से CSI सभागार, देहरादून में उपस्थित रहे, जबकि राज्य के 50 से अधिक कार्यालयों ने ज़ूम प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से वर्चुअल भागीदारी सुनिश्चित की।
कार्यक्रम की शुभारंभ श्री गौरव कुमार, निदेशक, आईटीडीए के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने साइबर सुरक्षा की वर्तमान चुनौतियों व उससे निपटने की रणनीतियों पर विचार रखे। इसके उपरांत तीरथ पाल सिंह, अपर निदेशक, आईटीडीए ने कार्यशाला की प्रासंगिकता और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए संदर्भ प्रस्तुति दी।
मुख्य वक्ता राहुल मिश्रा, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के सलाहकार, लखनऊ से विशेष रूप से आमंत्रित थे। उन्होंने साइबर अपराधों की बदलती प्रवृत्तियों, हालिया केस स्टडीज तथा साइबर अपराधियों की तकनीकों से बचाव के उपायों पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
इसके अतिरिक्त, CERT UK टीम के सदस्यों — आशीष उपाध्याय AGM साइबर सुरक्षा, आईटीडीए एवं शिवम, रजत, तथा ऋषभ ने राज्य में लागू साइबर सुरक्षा पहल, विभागीय आईटी प्रणालियों की सुरक्षा और साइबर अनुपालन प्रक्रियाओं पर जानकारी दी।
कार्यक्रम का समापन इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र और फीडबैक सेशन के साथ हुआ, जिससे अधिकारियों को अपने विभागों में साइबर सुरक्षा को और बेहतर ढंग से लागू करने की दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
यह कार्यशाला राज्य सरकार के डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुई है और आईटीडीए भविष्य में भी इसी प्रकार के सत्रों का आयोजन करता रहेगा।