रिपोर्टर : आरती वर्मा,
विकासनगर: कालसी वन प्रभाग की लांघा रेंज में वन विभाग ने स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रतिबंधित प्रजाति साल के पेड़ों से लदी गाड़ी को किया जप्त।
आपको बता दे की शुक्रवार की रात समाजसेवी राकेश उत्तराखंडी ने एक लकडियों से भरी गाड़ी को रोक लिया जिसमें प्रतिबंधित प्रजाति साल के दर्जनों पेड़ भरे थे फिर वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देकर उक्त वाहन को लांघा रेंज कार्यालय में खड़ा कराया गया जो की तिरपाल से ढकी हुई थी
राकेश उत्तराखंडी ने आरोप लगाया है कि लगातार प्रतिबंधित प्रजाति के एक पेड़ की अनुमति की आड़ में दर्जनों पेड़ काटे जाते हैं और इसी तरह से गाड़ियों में भरवा कर रवाना कर दिए जाते हैं।शुक्रवार की रात्रि भी इस वाहन में प्रतिबंधित प्रजाति साल के पेड़ों को भरकर ले जाया जा रहा था जब वाहन चालक को रोका गया तो वाहन चालक भाग खड़ा हुआ फिर वन विभाग की टीम को बुलाकर गाड़ी को वन रेंज कार्यालय खड़ा करवा दिया गया
जब इस गाड़ी की तिरपाल शनिवार सुबह उतरवायी गई तो गाड़ी में दर्जनों साल के पेड़ भरे हुए थे जिसमें सिंबल के पेड भी भरे हुए थे और उन पेड़ों पर ना तो किसी प्रकार की विभाग द्वारा निशान देही की गई थी और ना ही इतने पेड़ों को काट कर ले जाने की अनुमति उनके पास पाई गई जबकि लांघा रेंज अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा कहा जा रहा था कि विभाग द्वारा तीन पेड़ों के काटने की अनुमति दी गई थी बाकी सब इस गाड़ी में छूट प्रजाति के पेड़ हैं और इस गाड़ी के निकासी की अनुमति 30 अप्रैल तक थी। राकेश उत्तराखंडी ने बताया कि गाड़ी में बहुसंख्या में लगभग 20 पेड़ अवैध रूप से काटे गए प्रतिबंध प्रजाति के हैं और यह सब विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते हो रहा है और ऐसा इस रेंज में अक्सर होता रहता है।
जब इस बाबत रेंज अधिकारी जितेंद्र गोसाई से मीडिया कर्मियों ने जानकारी चाही तो वह लक्कड़ माफिया के बचाव के पक्ष में नजर आए उनके द्वारा शुरुआत में यही कहा गया था कि गाड़ी में सिर्फ तीन पेड़ प्रतिबंधित प्रजाति के हैं उसकी भी उनके द्वारा अनुमति दी गई थी और बाकी सब छूट प्रजाति के पेड़ गाड़ी में भरे हुए हैं बस मात्र निकासी की तारीख निकलने की वजह से ट्रक को रेंज में खड़ा किया गया है और डीएफओ कार्यालय में दोबारा से गाड़ी के कागज भेज दिए गए हैं इसमें कोई प्रतिबंधित प्रजाति के अवैध कटान की लकड़ी नहीं है लेकिन जब उक्त गाड़ी की तिरपाल उतरवायी गई तो उसमें छूट प्रजाति के मात्र दो-तीन पेड़ ही प्रतीत हो रही थे बाकी उसमें ज्यादातर प्रतिबंधित प्रजाति साल के पेड़ों की लकड़ी प्रतीत हो रही थी बाकी यह सब जांच का विषय है जो जांच के बाद ही सब कुछ खुलकर सामने आ पाएगा फिर जब राकेश उत्तराखंडी और मीडिया के द्वारा सवाल उठाए गए तो रेंज अधिकारी इधर-उधर की बातें और ठोस कार्यवाही करने की बात करते नजर आए ।